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Wednesday, August 21, 2019

जन्माष्टमी विशेष: जानें क्या वास्तव में थीं कृष्ण जी की सोलह हज़ार एक सौ आठ पत्नियां !


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पुराणों में जिक्र है कृष्ण जी के 16108 पत्नियों का

श्री कृष्ण की प्रेम लीलाओं का जिक्र अमूमन सभी धर्म ग्रंथों में मिलता है। माना जाता है कि उनकी करीबन सोलह हज़ार एक सौ आठ पत्नियां थी और एक लाख के भी ज्यादा पुत्र और पुत्रियां थे। मान्यता है कि कृष्ण जी ने बहुत सी गोपियों के साथ रासलीला रचाया था। जहाँ तक उनकी 16108 पत्नियों का सवाल है तो बता दें कि इसके पीछे कुछ प्रमुख तथ्यों का जिक्र मिलता है। पौराणिक तथ्यों के अनुसार कृष्ण जी राधा से बेहद प्रेम करते थे लेकिन उन दोनों का विवाह नहीं हो पाया। हालाँकि इसके वाबजूद भी हर जगह कृष्ण जी के साथ राधा जी की पूजा ही की जाती है। जहाँ तक उनकी पत्नियों का सवाल है तो माना जाता है कि उन्होनें सबसे पहले विदर्भ के राजा भीष्मक की बेटी रुक्मणि का हरण कर उनसे विवाह किया था। रुक्मणि भी श्री कृष्ण से प्रेम करती थी लेकिन उनके पिता ऐसा नहीं चाहते थे। फलतः कृष्ण जी ने उनका हरण कर उनसे विवाह रचाया। हालाँकि रुक्मणि के अलावा भी उनकी 16107 अन्य पत्नियों का जिक्र मिलता है। 

क्या वास्तव में थीं कृष्ण जी की 16108 पत्नियां 

एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार भूमासुर नाम के राक्षस ने अमर होने की लालसा के साथ सोलह हज़ार कुंवारी कन्याओं का हरण कर उनकी बलि देने का विचार किया। उन सोलह हज़ार लड़कियों ने भूमासुर के चुंगल से बचने के लिए कृष्ण जी की प्रार्थना करनी शुरू कर दी। अंत में भगवान् श्री कृष्ण ने उन सभी को कारावास से मुक्त करवाया और उन्हें उनके घर पहुँचाया। माना जाता है कि उन लड़कियों के परिवार वालों ने उन्हें चरित्रहीन मानकर परिवार में शामिल करने से इंकार कर दिया। इसके फलस्वरूप कृष्ण जी ने उन सभी से विवाह कर उन्हें अपनी पत्नी का दर्जा दिया। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार उन सभी सोलह हज़ार लकड़ियों ने स्वयं ही कृष्ण जी को अपना पति मान लिया था उन्होनें वास्तव में उनसे विवाह नहीं किया था। 

कृष्ण जी की आठ पटरानियां थी 

माना जाता है कि कृष्ण जी ने केवल आठ बार शादी की थी जिसमे उनकी पहली पत्नी रुक्मणि कहलाती है और अन्य पत्नियां थीं कालिंदी, सत्यभामा, भद्रा, जाम्बन्ती, सत्या और लक्ष्मणा। जहाँ तक उनके एक लाख से भी ज्यादा पुत्र और पुत्रियों का जिक्र है तो बता दें कि ये गिनती उनके सभी सोलह हज़ार मान्यता प्राप्त और अन्य पत्नियों से पैदा हुए बच्चों को मिलाकर माना जाता है।
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Aaj Bangla Sangbad

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